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परामर्श

कोरोना देशव्यापी महामारी के दौरान और उसके पश्चात विद्यार्थियों/विश्वविद्यालय/कॉलेज के विशेषज्ञों के मानसिक स्वास्थ्य एवं स्वस्थता हेतु मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक सहयोग

बच्चों, किशोरों, परिवारों एवं शिक्षकों के मनोसामाजिक समर्थन तथा मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन हेतु परामर्श

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विश्वविद्यालय/कॉलेज के शिक्षार्थियों के लिए मनो-सामाजिक सहयोग और मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए परामर्श

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विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों और परिवारों हेतु परामर्श/टिप्स

विद्यार्थी

परिजनों के साथ समय का सदुपयोग

परिजनों के साथ बोर्ड गेम, अंत्याक्षरी तथा अन्य इंडोर खेलों द्वारा समय का उपयोग करना ।

खेल-खेल में शिक्षण

घरेलू दैनिक कार्यों में अपने बड़ों, अनुजों और माता-पिता के साथ हाथ बंटाना ।

इंटरएक्टिव ऑनलाइन कक्षाएं

शैक्षिक अधिगम में शिक्षकों का सहयोग ताकि ऐसे समय का उपयोग नवीनतम ज्ञान/जानकारी में अभिवृद्धि हेतु हो सके ।

किशोरों का सहयोग/सशक्तिकरण

जीवन कौशल संबंधी सहयोगी कार्यक्रमों पर आधारित ऑनलाइन नवाचारों द्वारा पथप्रदर्शक के रूप में जानकारी देना ।

शिक्षक

जीवन कौशल संबंधी अधिगम

बच्चों को उनकी पाठ्य-पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य ज्ञान अथवा जानकारी जो उन्होंने प्राप्त की है, उनका आदान-प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना ।

मनोरंजक गतिविधियों में संलग्न

विद्यार्थियों को ड्राइंग/पेंटिंग अथवा कहानी कहने संबंधी विभिन्न गतिविधियों द्वारा अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए सहयोग करना जिससे उनकी उत्सुकता/चिंता/जिज्ञासा इत्यादि का निवारण हो सके ।

सहयोग करना

विशिष्ट आवश्यकताओं वाले अपने विद्यार्थियों के बारे में विद्यालय के प्राचार्य/परामर्शदाता या विशेष प्रशिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करना और यदि अपेक्षित हो तो स्थानीय चिकित्सा अधिकारी से परामर्श करना ।

विनम्रता/लचीलापन संबंधी रुझान को सुदृढ़ करना

बच्चों द्वारा घर पर रहते हुए प्रेरणास्पद कहानियां लिखने और अभिनव कौशलों की अभिवृद्धि हेतु प्रेरित करना कि वे परिवार के साथ अपने समय का किस प्रकार सदुपयोग करें ।

माता पिता/अभिभावक

बच्चों की बातें ध्यानपूर्वक सुनना

बच्चों की कठिनाइयों, जिज्ञासाओं को ध्यान से सुनना और उनकी शंकाओं का समाधान करना तथा उन्हें आश्वस्त कर उनकी शंकाओं/कठिनाइयों के समाधान में भावनात्मक सहयोग प्रदान करना ।

पथ प्रदर्शक की भूमिका

बच्चे बहुत ही संवेदनशील होते हैं और वे हर गतिविधि को भी बहुत ही ध्यान से अनुभव करते हैं इसलिए अभिभावकों को अपने स्वयं के तनाव का प्रबंधन कुशलता पूर्वक करना चाहिए ताकि वे स्वयं एक पथ प्रदर्शक बन सके ।

स्वस्थ जीवन शैली

अपने सभी दैनिक कार्यों जैसे सोना, जगना, संतुलित भोजन करना, अध्ययन-अध्यापन करना और यथोचित व्यायाम, मनोरंजन तथा खेलकूद इत्यादि सभी गतिविधियों के संबंध में सुव्यवस्थित समय सारणी का पालन करें और तदनुसार बच्चों को भी प्रेरित करें ।

तथ्यात्मक सूचनाएं उपलब्ध करवाना

कोविड-19 के संबंध में चर्चा करना और उन्हें तथ्यात्मक जानकारी देना ताकि इस संबंध में विभिन्न मिथकों और भ्रामक जानकारियों से अलग वस्तुस्थिति से अवगत होकर भयभीत न हों।

विश्वविद्यालय / कॉलेज के छात्रों, परिवारों और संकाय / शिक्षकों के लिए परामर्श/टिप्स

विद्यार्थी

स्वयं की देखभाल को सर्वप्राथमिकता

इस अनिश्चितता के समय में जो भी आपके नियंत्रण में हैं उस पर ध्यान केंद्रित करें और स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बने रहने के लिए विशेष ध्यान दें।

स्वस्थ/प्रसन्न बने रहने हेतु प्रयास

अपनी भावी योजनाएं बनाएं, नई-नई तकनीकों को सीखें और अपने मित्रों एवं परिवार के साथ निरंतर जुड़े रहें।

अपनी भावनाओं को सम्मान देना

ऐसी परिस्थिति में चिंतित होना स्वाभाविक है। अत: अपनी भावनाओं को यथोचित महत्व दें और उन्हें अपने किसी विश्वसनीय व्यक्ति के साथ अभिव्यक्त/सांझा करे।

शिक्षक/संकाय

अपने विद्यार्थियों का सहयोग करना

सकारात्मक और अच्छे सन्देश भेजते रहकर अपने विद्यार्थियों के साथ निरंतर संपर्क में रहें ।

निगरानी और परस्पर आदान-प्रदान

स्वयं की और अपने परिवार की निगरानी रखें और अपने मित्रों, सहकर्मियों एवं परिजनों के साथ निरंतर संपर्क में रहकर तनाव को दूर भगाएं।

विषय विशेषज्ञों की जानकारी

विद्यार्थियों के लिए परिसर में, ऑनलाइन या टेलीफोन पर उपलब्ध परामर्शी/सेवाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करें।

परिवार

उनकी भावनाओं को सम्मान देना

अपने बच्चो का सहयोग करें और उनकी भावनाओं को सहानुभूतिपूर्वक सुने तथा बेहतर समाधान/सुझाव दें।

सक्रिय सहयोग प्रदान करना

अपने बच्चों के साथ निरंतर संपर्क में रहें और उन्हें आश्वस्त करें कि उनके रहते उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी है।

अपनी दिनचर्या को सुदृढ़ करना

दैनिक क्रियाकलापों में खेलकूद और संगीत जैसी मनोरंजक इंडोर गतिविधियों में संपूर्ण परिवार को शामिल करें।

छात्रों द्वारा योगदान

मानसिक स्वास्थ्य हेतु शारीरिक फिटनेस


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राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर

844 844 0632

छात्रों के मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए

स्वयं और दूसरों की सुरक्षा करें!

निम्नलिखित बिंदुओं - "क्या करें" और "क्या न करें" का अनुपालन करें

क्या करें

बार-बार हाथ धोना, हाथों को साबुन और पानी से धोएं या एल्कोहॉल युक्त हैंडरब का प्रयोग करें, यदि हाथ साफ़ भी दिख रहे हो तब भी उन्हें बार-बार धोएं

छीकंते और खांसते समय अपने नाक और मुंह को रुमाल/टिश्यू से ढकें

उपयोग में लाए गए टिश्यू को तत्काल ढक्कन वाले डिब्बे में फेंक दें

यदि आप अस्वस्थता (जैसे बुखार, सांस लेने में कठिनाई और खांसी) का अनुभव करें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

यदि आपको ये सभी लक्षण हो तो 24x7 घंटे/दिन राज्य सरकार या स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हेल्पलाइन संख्या 011-23978046 पर कॉल करें।

किसी सामूहिक बैठक में भाग लेने से बचें।

क्या न करें

किसी के साथ निकट संबंध रखना, यदि आपको खांसी और बुखार की शिकायत हो।

अपनी आँख, नाक एवं मुंह को छूना।

सार्वजनिक जगह पर थूकना।

संपर्क करें

हमारा पता है

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली

ई-मेल करें

manodarpan-mhrd[at]gov[dot]in

सलाहकारों की निर्देशिका

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